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Feb 20 2024, 09:56

पीएम मोदी का जम्मू-कश्मीर दौरा आज, बदलते घाटी की तस्वीर करेंगे पेश, कई परियोजनाओं की देंगे सौगात

#pm_modi_jammu_kashmir_visit

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 20 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार पीएम मोदी केंद्र शासित राज्य के दौरे पर हैं। इस दौरान पीएम मोदी 3,161 करोड़ की 209 परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास करेंगे।चुनाव से पहले इस दौरा को काफी अहम माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को जम्मू के एमए स्टेडियम में रैली को संबोधित करेंगे। इस दौरान वह साढ़े 30 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। ये परियोजनाएं स्वास्थ्य, शिक्षा, रेल, सड़क, विमानन, पेट्रोलियम, नागरिक बुनियादी ढांचे से संबंधित हैं। वह जम्मू-कश्मीर के 1500 नवनियुक्त सरकारी कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे। साथ ही विकसित भारत विकसित जम्मू कार्यक्रम के तहत विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ सीधा संवाद भी करेंगे। 

प्रधानमंत्री आईआईएम-जम्मू का उद्घाटन करेंगे। एम्स जम्मू की फरवरी 2019 में उन्होंने आधारशिला रखी थी। इसके अलावा प्रधानमंत्री एम्स जम्मू के साथ ही कश्मीर घाटी में रेल विद्युतीकरण व बनिहाल से संगलदान तक 48 किमी रेल सेवा का उद्घाटन करेंगे। जम्मू हवाई अड्डा के नई टर्मिनल बिल्डिंग व कॉमन यूजर फैसिलिटी पेट्रोलियम डिपो की आधारशिला रखेंगे। 

प्रधानमंत्री कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को घाटी में आवास सुविधा उपलब्ध कराने के लिए गांदरबल और कुपवाड़ा में 224 फ्लैट का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही अनंतनाग, कुलगाम, कुपवाड़ा, शोपियां और पुलवामा जिलों में नौ स्थानों पर 2816 फ्लैट वाले ट्रांजिट आवास की आधारशिला भी रखेंगे। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पांच इंड एस्टेट के विकास की नींव पत्थर रखेंगे।

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Feb 19 2024, 20:59

पीएम मोदी द्वारा आवुधावी में हिन्दू मंदिर का उद्घाटन, विश्व में हिन्दू धर्म के महत्व को स्थापित करने के दिशा में एक अनुकरणीय पहल
*अबू धाबी में ‘बी.ए.पी.एस.हिन्दू मंदिर उद्घाटन: इस्लामिक देश में हिन्दू मंदिर का निर्माण वैश्विक हिन्दू राष्ट्र निर्माण का शंखनाद* रिपोर्ट- जयंत कुमार( राँची) कुछ दिन पूर्व ही भारत के अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण हुआ, रामलला की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा का समारोह पूरा विश्व ने अनुभव किया। अब यु.ए.ई. जैसे इस्लामिक देश में भी बी.ए.पी.एस. हिन्दू मंदिर का निर्माण हुआ है। यह एक प्रकार से वैश्विक हिन्दू राष्ट्र के निर्माण का शंखनाद हैै, ऐसा प्रतिपादन श्रीसत्‌शक्ति बिंदा नीलेश सिंगबाळजी ने किया। अबू धाबी में मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम के पश्चात अंजली गाडगीळजी ने कहा, ‘पिछले कुछ शतकों में भारत के हिन्दू मंदिरों पर आक्रमण हुए, मंदिर नष्ट-भ्रष्ट किए गए; अब भारत की वह सभी वास्तू पुनः एकबार कानूनन मार्ग से संघर्ष कर हिन्दू समाज को प्राप्त हो रही हैं । अब इस्लामी देशों में हिन्दू मंदिरों की निर्माण होने लगा है। हिन्दू धर्म की महानता पूरे विश्व में फैल रही है। भारत विश्वगुरुपद की ओर अग्रसर हो रहा है। पश्चिम एशिया का सबसे बडा हिन्दू मंदिर ‘बी.ए.पी.एस. हिन्दू मंदिर’ का उद्घाटन 14फरवरी को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इस उपलक्ष्य में मंदिर द्वारा 15 फरवरी को आयोजित ‘हार्मनी’ कार्यक्रम में सनातन संस्था की ओर से सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी श्रीसत्‌शक्ति बिंदा सिंगबाळजी एवं श्रीचित्‌शक्ति अंजली गाडगीळजी की वंदनीय उपस्थिति का लाभ हुआ। मंदिर के प्रमुख महंत स्वामी महाराज की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ । इस कार्यक्रम में हरिद्वार के आखाडा के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंदजी ‘प्रमुख अतिथि’ के रूप में उपस्थित थे । आप को बताडे कि जुलाई 2022 में श्रीचित्‌शक्ति अंजली गाडगीळजी अनुसंधान के निमित्त संयुक्त अरब अमिरात की यात्रा पर थीं । उस समय वह ‘बी.ए.पी.एस. हिन्दू मंदिर’ भी गईं थी एवं निर्माणकार्य का ब्योरा लिया था, साथ ही सनातन संस्था के ३ गुरुओं के नाम पर मंदिर के निर्माणकार्य के लिए 3 ईंटें पूजन कर अर्पण की थीं।

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Feb 19 2024, 19:20

किसानों ने ठुकराया सरकार का प्रस्ताव, मांगे नहीं मानने पर 21 फरवरी को “दिल्ली कूच” करने का दिया अल्टीमेटम

#skmrejectedtheproposalofcentralgovernment

सरकार के प्रयास के बाद भी किसानों का आंदोलन लंबा खींचता नजर आ रहा है। 12 फरवरी से आंदोलन कर रहे किसानों ने सरकार की मांग को सिरे से नकार दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जिसमें सरकार ने 5 फसलों पर 5 साल के लिए एमएसपी देने की बात कही थी। यह प्रस्ताव 18 फरवरी को चंडीगढ़ में किसानों के साथ बातचीत के दौरान दिया गया था। किसान अभी भी सभी फसलों पर एमएसपी गारंटी को लेकर अड़े हुए हैं। इसके साथ ही किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकार को किसानों की मांगे मानने के लिए 21 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया है।

एमएसपी की कानूनी गारंटी पर रविवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की बैठक हुई। चंडीगढ़ में किसानों और सरकार के बीच हुई बैठक में सरकार ने कुछ फसलों पर एमएसपी को लेकर सहमति जताई। इसमें मक्का, दालें और कपास की खेती शामिल है। बातचीत में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल सहित तीन केंद्रीय मंत्री सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। लेकिन इस बैठक के कोई खास परिणाम निकलते नहीं दिख रहे हैं। किसान नेताओं का कहना है कि सरकार को सिर्फ दाल या मक्का पर नहीं, बल्कि सभी 23 फसलों पर गारंटी देनी चाहिए।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में फसलों को एमएसपी पर खरीदने की गारंटी दी थी, जिसे वह पूरा नहीं कर रही है। किसानों के साथ बातचीत में सरकार ने अभी यह नहीं बताया है कि वे एमएसपी किस फॉर्मूले को लागू कर देंगे। इसके साथ ही किसान संगठन ने कहा, "इसके अलावा केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों की कर्ज माफी, बिजली बोर्ड के प्राइवेटाइजेशन, 60 साल के ऊपर के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन और लखीमपुर खीरी कांड में न्याय के सवाल पर चुप्पी साध रखी है।

21 फरवरी को दिल्ली के लिए कूच करेंगे किसान

राजस्थान के ग्रामीण किसान मजदूर समिति के मीडिया प्रभारी रणजीत राजू ने बताया कि सरकार के प्रस्ताव पर किसानों की सहमति नहीं बन सकी है। सभी फोरमों में बात करने के बाद अब किसान नेताओं ने फैसला लिया है कि 21 फरवरी को दिल्ली के लिए कूच करेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार लाठियां भांजेगी तो खाएंगे, गोले दागेंगे तो उसका भी सामना करेंगे। 

क्या है किसानों की मांगें?

-MSP पर कानूनी मान्यता: किसानों की पहली और सबसे जरूरी मांग ये है कि सरकार MSP को लेकर कानून बनाए, ताकि किसानों की फसल का उचित दाम मिल सके।

-स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना: किसानों की दूसरी मांग स्वामीनाथन आयोग कि सिफारिशों को लागू करना है। इस रिपोर्ट में MSP कुल लागत मूल्य से कम से कम 50% अधिक रखने की सिफारिश की थी। इसे C2+50 फॉर्मूला कहा जाता है। किसान चाहते हैं कि सरकार इसे लागू करे।

-किसानों के लिए पेंशन: किसानों की तीसरी मांग किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन है। किसानों की लंबे समय से मांग है कि उन्हें और खेतिहर मजदूरों को भी बुढ़ापे में पेंशन मिले।

-इन मांगो के अलावा किसानों की कुछ और मांगे भी हैं। किसान कर्ज माफी, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, पिछले विरोध प्रदर्शनों के दौरान दर्ज पुलिस मामलों को वापस लेने, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम को बहाल करने और विरोध प्रदर्शनों के दौरान मरने वालों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसान फिलहाल पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर से लगभग 200 किमी दूर दिल्ली से डेरा डाले हुए हैं।

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Feb 19 2024, 18:47

बिलावल भुट्टो का दावा,बोले- नवाज शरीफ ने दिया था पीएम बनने ऑफर, सत्ता साझेदारी के फार्मूले को ठुकराया

#ppp_leader_bilawal_bhutto_says_it_has_rejected_pmln_power_sharing_formula

पाकिस्तान में चुनाव के नतीजों के बाद भी अब तक सरकार का गठन नहीं हो सका है। किसी एक पार्टी को बहुमत ना मिलने के बाद गठबंधन सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ जारी है। इस बीच पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने खुलासा किया कि उन्होंने नवाज शरीफ का ऑफर ठुकरा दिया है।दरअसल, गठबंधन फाइनल करने के लिए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएलएन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच लगातार बैठकों का दौर जारी है। इस बीच पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो ने कहा है कि उन्होंने हर दो साल में एक रोटेशनल पीएम केफॉर्मूले को खारिज कर दिया है। ये फॉर्मूला उनको नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएलएन की ओर से दिया गया था।

पाकिस्तन के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने सत्ता के लिए चल रहे गठजोड़ के समीकरणों को लेकर बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि कैसे उन्हें पीएम के पद के लिए पेशकश की गई थी।बिलावल भुट्टों ने कहा, 'मुझे कहा गया कि तीन वर्षों के लिए उन्हें प्रधानमंत्री बनने दिया जाए, इसके बाद दो वर्षों के लिए हम प्रधानमंत्री पद ले लें। मैंने मना कर दिया। मैंने कहा कि मैं इस तरह से प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहता हूं। मैं प्रधानमंत्री तब बनूंगा जब पाकिस्तान की जनता मुझे चुनेगी।'

बिलावल ने कहा कि देश को ऐसे पीएम की जरूरत है जो जनता की परेशानियों के बारे में बात करे। उन्होंने आगे कहा, 'सभी राजनेताओं और राजनीतिक पार्टियों को अपना स्वार्थ छोड़कर देश की जनता के बारे में पहले सोचना चाहिए।' 

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व विदेश मंत्री और पीपीपी अध्यक्ष बिलावल ने कहा कि देश में व्याप्त आर्थिक और राजनीतिक संकट को देखते हुए सबसे अच्छा होगा कि उनके पिता आसिफ अली जरदारी नए राष्ट्रपति बनें। हमने फैसला किया है कि राष्ट्रपति चुनाव में जरदारी हमारे उम्मीदवार होंगे 

पीपीपी और पीएमएल-एन ने चुनाव बाद गठबंधन किया है। इसके बाद दोनों दलों में सत्ता साझा करने के लिए बात हो रही है। पीएमएल-एन और पीपीपी नेताओं ने शनिवार को एक बैठक की थी, जिसमें कोई फैसला नहीं हो सका। इसके बाद आज, सोमवार को फिर से बैठक बुलाई गई है। गठबंधन में पीएम पद पीएमएलएन को मिलेगा, इस पर सहमति बन चुकी है। नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पीएमएलएन ने शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए नामित भी कर दिया है। गठबंधन सरकार में उनका पीएम बनना तय माना जा रहा है। पाक मीडिया में दावा किया जा रहा है कि पीपीपी की ओर से राष्ट्रपति पद और कई अहम मंत्रालयों की मांग की जा रही है। जिसकी वजह से चीजें फाइनल नहीं हो पा रही हैं।

बता दें कि पाकिस्तान में आठ फरवरी को हुए चुनाव में जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवारों ने 265 में से 93 सीटें जीतीं। वहीं, पीएमएल-एन ने 75 और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने 54 सीटें जीतने में कामयाब रही। बता दें कि मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) भी अपनी 17 सीटों के साथ नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो का समर्थन करने पर सहमत हो गया है।

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Feb 19 2024, 16:22

राज ठाकरे भी एनडीए में होंगे शामिल? मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष के साथ मुलाकात के बाद अटकलों का बाजार गर्म

#mnstojoinndarumors

आगामी लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। बीजेपी की अगुवाई वाला सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन फिर से सत्ता में वापसी की रणनीति बना रहा है।वहीं, विपक्षी दलों द्वारा बनाया गया इंडिया गठबंधन धीरे-धीरे बिखरता नजर आ रहा है।इस बीच महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी उलटफेर की संभावना नजर आ रही है। महाराष्ट्र में इन दिनों राज ठाकरे के एनडीए गठबंधन के साथ आने को लेकर अटकलें लगाई जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना(मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष शेलार के साथ मीटिंग की है। मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष आशीष शेलार ने सोमवार सुबह राज ठाकरे के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की। ये मीटिंग करीब एक घंटे तक चली।जिससे इन अटकलों को और पंख लग गए। माना जा रहा है कि राज ठाकरे जल्द ही दिल्ली जाकर भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से भी मुलाक़ात कर सकते हैं

हालांकि दोनों पक्षों ने अभी तक बैठक पर आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।एनडीए में शामिल होने के सवाल पर राज ठाकरे ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। आशीष सेलार के साथ हुई मुलाकात पर राज ठाकरे ने कहा, ‘मेरा आज का विषय अलग है। चुनाव के बारे में जब बात करना होगा तब बताऊंगा। सिर्फ मौका मिला है, इसीलिए सवाल ना पूछें।’

वहीं आशीष शेलार से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘राजनीतिक मीटिंग होती रहती है, अगर कुछ भी होगा तो देवेंद्र फडणवीस बोलेंगे।’

देवेंद्र फडणवीस ने कही थी ये बात

इससे पहले महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में 15 फरवरी को कहा था कि आपको जल्द ही पता चल जाएगा कि राज ठाकरे हमारे साथ आएंगे या नहीं। यह तो समय बताएगा कि मनसे अब कहां होगी।राज ठाकरे के साथ हमारी अच्छी दोस्ती है। हम बैठक करते रहते हैं।

लंबे समय से एनडीए में शामिल होने की चर्चा

बता दें कि काफी समय से राज ठाकरे के एनडीए में शामिल होने की चर्चा हो रही है। दरअसल, इससे पहले राज ठाकरे ने दिसंबर में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच लंबी चर्चा हुई थी। जिसके बाद सत्ताधारी पार्टियों के नेताओं की ओर से परोक्ष रूप से राज ठाकरे को अपने साथ आने की पेशकश करने वाले बयान आने लगे थे।

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Feb 19 2024, 16:03

कांग्रेस छोड़कर कहीं नहीं जा रहे कमलनाथ! पूर्व सीएम के करीबी ने बताया-ताउम्र रहेंगे कांग्रेस में

#kamalnath_nakulnath_will_not_leave_congress 

मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ को लेकर अटकलों का दौर जारी है। सियासी गलियारों में चर्चा है दोनों पिता-पुत्र कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले हैं। हालांकि, इस, बीच खबरें आ रहीं हैं कि पूर्व सीएम कमलनाथ बीजेपी में नहीं जाएंगे।कांग्रेस के सीनियर नेता, विधायक और कमलनाथ के करीबी सज्जन सिंह वर्मा ने ये बड़ा दावा किया है।उन्होंने कहा है कि कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ दोनों ही बीजेपी में नहीं जा रहे हैं।

मध्य प्रदेश में चर्चा के बीच कमलनाथ के आवास पर सांसद सज्जन वर्मा सहित कुछ लोगों की दो घंटे की बैठक चली। बैठक के बाद सज्जन वर्मा ने कहा कि कमलनाथ कांग्रेस नहीं छोड़ रहे। उन्होंने बताया कि कमलनाथ ने खुद मीटिंग में इस बात को कहा है।सज्जन वर्मा की मानें तो कमलनाथ ने मीटिंग में साफ तौर पर कहा है कि वो कल भी कांग्रेसी थे, वो आज भी कांग्रेसी हैं और वो ताउम्र कांग्रेस में रहेंगे। कांग्रेस में अंदरूनी मतभेद जरूर था लेकिन मनभेद नहीं है। अब सब सुलझ गया है और वो कांग्रेस को छोड़कर कहीं कहीं नहीं जाएंगे। ऐसे में नकुलनाथ को लेकर जो अटकलें लगाई जा रही थीं, उस पर भी उन्होंने बयान देते हुए कहा कि जब पिता नहीं जाएगा तो बेटा कहां जाएगा कांग्रेस छोड़ के।

उन्होंने आगे कहा कि जाने का सवाल ही नहीं उठता, जिस आदमी ने कांग्रेस के साथ 40 साल बिताए हैं, वो ऐसे पार्टी छोड़कर जा ही नहीं सकते। वह बहुत जल्दी भोपाल जाकर लोकसभा की तैयारी करेंगे। नुकलनाथ भी कहीं नहीं जाएंगे, वो छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। सज्जन वर्मा का कहना है कि कमलनाथ ने कहा है कि वो मीडिया से बात नहीं करेंगे, कहा, मैं अफवाह का जवाब देने नहीं जाऊंगा, पता नहीं कहां से ये अफवाह उठी है।

दरअसल, कमलनाथ ने इन दिनों दिल्ली में डेरा डाल रखा है।उनके साथ कई विधायक भी दिल्ली पहुंचे हैं, जो विधायक दिल्ली पहुंचे हैं वो फोन कॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं।छिंदवाड़ा से 9 बार सांसद और वर्तमान में इस सीट से विधायक कमलनाथ पूर्व में मध्य प्रदेश के सीएम रह चुके हैं। पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उन्हें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।

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Feb 19 2024, 15:02

INDIA गठबंधन में फिर उलझा पेंच, महाराष्ट्र की 18 सीटों पर उद्धव ने ठोंक दिया दावा, पढ़िए, अब आगे क्या करेगी कांग्रेस और शरद पवार

महाराष्ट्र में राजनीतिक दलों के बीच इस बात को लेकर काफी चर्चा चल रही है कि आगामी लोकसभा चुनाव में किसे कितनी सीट मिलेगी। हाल ही में, उद्धव ठाकरे की पार्टी, शिवसेना (UBT) ने मुंबई की 4 सहित राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 18 पर चुनाव की निगरानी के लिए चुनावी समन्वयकों को नियुक्त करके एक कदम उठाया है। ऐसा लग रहा है कि शिवसेना कह रही है कि ये सीटें उनकी हैं। 

शिवसेना ने मुंबई के विभिन्न हिस्सों के लिए समन्वयकों को चुना है, जिससे पता चलता है कि वे शहर की अधिकांश सीटें अपने पास रखना चाहते हैं, और अपने सहयोगियों, कांग्रेस और एनसीपी के लिए केवल कुछ सीटें छोड़ना चाहते हैं। आखिरी बार महा विकास अघाड़ी गठबंधन (MVA) के नेता सीटों पर बात करने के लिए 2 फरवरी को मिले थे। उसके बाद से कांग्रेस को बड़ा झटका तब लगा जब उनके एक नेता अशोक चव्हाण बीजेपी में शामिल हो गए।

उसके बाद गठबंधन में नेताओं के बीच कोई चर्चा नहीं हुई है। सीटों को लेकर हुई पिछली बैठक में एक अन्य समूह वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) ने भी हिस्सा लिया था। उनके नेता प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि किसे कौन सी सीट मिलेगी, यह तय करने से पहले उन्हें कुछ बुनियादी नियमों पर सहमत होना चाहिए। उन्होंने इस बारे में बात जारी रखने के लिए 22 फरवरी को फिर से मिलने की योजना बनाई है। बंटवारे से पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना और बीजेपी ने साथ मिलकर काम किया था। उन्होंने अच्छी संख्या में सीटें जीतीं, जिनमें मुंबई की कुछ सीटें भी शामिल थीं। लेकिन 2022 में चीजें बदल गईं जब शिवसेना के कुछ सदस्यों ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह कर दिया। इससे इस बात पर लड़ाई शुरू हो गई कि पार्टी का नेतृत्व किसे करना चाहिए। आख़िरकार, चुनाव आयोग ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला समूह ही असली शिवसेना है।

इसलिए, उद्धव ठाकरे के समूह ने अपना नाम बदलकर शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) कर लिया। उनके प्रतीक के रूप में आज भी उनके पास जलती हुई मशाल है। उन्होंने महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ मिलकर काम किया। अब, वे 2019 में जीती गई सभी सीटों पर दावा करने की कोशिश कर रहे हैं।

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Feb 19 2024, 15:01

जैसा ISIS आतंकी महिलाओं पर अत्याचार करते हैं, बंगाल में वैसा ही हो रहा, लेकिन ममता चुप,संदेशखाली मुद्दे पर जमकर बरसीं लॉकेट चटर्जी

 

 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा है कि पाकिस्तान की तरह पश्चिम बंगाल में भी महिलाओं पर हमले हो रहे हैं। चटर्जी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर संदेशखाली हिंसा के बारे में "चुप" रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि, "ममता बनर्जी ने अब तक इस मुद्दे पर एक भी बयान नहीं दिया है। TMC नेता शेख शाहजहां अभी भी फरार हैं। पुलिस उनका पता नहीं लगा पा रही है। वे (TMC) केवल 30% वोट चाहते हैं। हमने पाकिस्तान में महिलाओं पर अत्याचार के बारे में सुना था, वही बंगाल में हो रहा है। चटर्जी ने कहा कि, इसके बावजूद ममता बनर्जी चुप हैं और कह रही हैं कि RSS यह सब कर रहा है। 

लॉकेट चटर्जी ने कहा कि, ''हमने इराक, ईरान और पाकिस्तान जैसे देशों में महिलाओं के खिलाफ इस्लामिक स्टेट (ISIS) के अत्याचारों के बारे में सुना है, वही अब, यह यहां हो रहा है।'' चटर्जी ने यह भी कहा कि कोई FIR नहीं थी, जैसा कि सीएम बनर्जी ने बताया था, क्योंकि पुलिस और प्रशासन "TMC पार्टी कार्यालय की तरह काम कर" रहा है। उन्होंने कहा, पुलिस मुख्य आरोपी शेख शाहजहां को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है, क्योंकि बनर्जी ने उसे अपने संरक्षण में ले लिया है। ऐसे में पीड़ित महिलाओं की FIR कौन लिखेगा ? 

ममता बनर्जी की "30% राजनीति" के बारे में बोलते हुए, लॉकेट चटर्जी ने अल्पसंख्यक तुष्टीकरण का संकेत दिया। भाजपा नियमित रूप से बंगाल की मुख्यमंत्री पर वोटों की खातिर राज्य में मुसलमानों (जो बंगाल की आबादी का लगभग 30% है) का पक्ष लेने का आरोप लगाती है। चटर्जी उन्होंने कहा कि सीएम बनर्जी आगामी लोकसभा चुनाव के कारण आरोपियों को बचा रहीं हैं। चटर्जी ने कहा कि, "बंगाल की महिलाओं को 500 रुपए (महिलाओं के लिए सरकारी योजना का जिक्र करते हुए) के बदले में उनकी गरिमा से समझौता करना पड़ता है।" 

वहीं, पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि संदेशखाली में यौन उत्पीड़न के मामलों के मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बीजेपी विरोध प्रदर्शन करने जा रही है। मजूमदार ने कहा कि, "शेख शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हम आने वाले दिनों में कम से कम 72 घंटे लंबा विरोध प्रदर्शन करेंगे। विरोध का संभावित दिन 22 फरवरी है।" 

बता दें कि, संदेशखाली की हालत पर संसद की विशेषाधिकार समिति ने बंगाल के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन इसके खिलाफ ममता सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुँच गई। जहाँ सुप्रीम कोर्ट ने फ़ौरन सुनवाई करते हुए लोकसभा सचिवालय की विशेषाधिकार समिति द्वारा पश्चिम बंगाल के शीर्ष अधिकारियों को भेजे गए नोटिस पर रोक लगा दी। अदालत ने ममता सरकार की याचिका पर गृह मंत्रालय से 4 हफ्तों में जवाब देने के लिए कहा है।

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Feb 19 2024, 14:59

विवादित नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने छोड़ी सपा, बनाई अपनी राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी, झंडा भी जारी किया, काफी समय से चल रहे थे खफा

समाजवादी पार्टी (सपा) से खफा चल रहे नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोमवार को अपनी नई पार्टी की घोषणा कर दी है। यही नहीं मौर्या ने अपनी पार्टी का झंडा भी जारी कर दिया है। इसके साथ ही अब स्वामी प्रसाद मौर्य 22 फ़रवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में रैली में भाषण देंगे। साथ ही वो राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में भी शामिल होंगे।

उल्लेखनीय है कि, बीते कई दिनों से सपा से खफा बताए जा रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज पार्टी का गठन कर अब अलग रास्त चुन लिया है। हालांकि इस पार्टी में कौन-कौन रहेगा, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। स्वामी ने अपनी पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी रखा है। अब स्वामी प्रसाद मौर्य मंगलवार को रायबरेली पहुंचेंगे, जहां वे भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी से जुड़ेंगे। इससे पहले बीते हफ्ते अपने विवादित बयानों से सुर्ख़ियों में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य से त्यागपत्र दे दिया था। स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसकी जानकारी अपने 'एक्स' हैंडल पर दी थी। उन्होंने इस्तीफा पोस्ट करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और पार्टी को टैग किया था।

स्वामी प्रसाद ने अपने इस्तीफे में लिखा था कि मैं नहीं समझ पाया कि मैं एक राष्ट्रीय महासचिव हूं, जिसका कोई भी बयान व्यक्तिगत बयान हो जाता है और पार्टी के कुछ राष्ट्रीय महासचिव व नेता ऐसे भी हैं, जिनका प्रत्येक बयान पार्टी का बयान हो जाता है, एक ही स्तर के पदाधिकारियों में कुछ का निजी और कुछ का पार्टी का बयान किस तरह हो जाता है, यह समझ के परे है। उन्होंने आगे लिखा था कि, दूसरी हैरानी यह है कि मेरी इस कोशिश से आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों का रुझान समाजवादी पार्टी की ओर बढ़ा है। बढ़ा हुआ जनाधार पार्टी का और जनाधार बढ़ाने की कोशिश व बयान पार्टी का न होकर निजी कैसे? यदि राष्ट्रीय महासचिव पद में भी पक्षपात है, तो मैं समझता हूं, ऐसे भेदभावपूर्ण, महत्वहीन पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है।

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Feb 19 2024, 14:57

राई का पहाड़ बना रही है भाजपा..', संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं पर क्यों नहीं दिख रही बंगाल सीएम की 'ममता' ?

 पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार (18 फ़रवरी) को संदेशखाली मुद्दे पर भाजपा पर हमला किया, और कहा कि घटना "कराइ गई" थी और भाजपा "राई का पहाड़" बना रही थी। बता दें कि, संदेशखाली में फरार तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर आरोप है कि, वो घरों से उठाकर दलित -आदिवासी महिलाओं का बलात्कार करते हैं, उनकी जमीन हड़प लेते हैं, उनके पति-बच्चों को पीटते हैं। कई महिलाओं ने खुद मीडिया के सामने आकर ये बात कही है कि, TMC के गुंडे घरों में आकर सुन्दर लड़की, या नवविवाहिता को चुनते हैं और फिर पार्टी ऑफिस में ले जाकर रातभर लड़कियों का बलात्कार करते हैं। महिलाओं में इतना खौफ है कि, वो अपना चेहरा भी नहीं दिखा रहीं हैं और कैमरे पर आने से पहले मुंह ढांक लेती हैं। उनका कहना है कि, शाहजहां शेख के गुंडे उनकी हत्या भी कर सकते हैं। हालाँकि, ममता बनर्जी इसे राई का पहाड़ बता रहीं हैं। 

 

बीरभूम में एक कार्यक्रम में बोलते हुए, सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि, "एक घटना हुई। इसे होने के लिए बनाया गया था। पहले, ED गई। फिर उसके मित्र, भाजपा, वहां गए।कुछ मीडिया वाले साथ गए और वे बात का बतंगड़ बना रहे हैं। वे यहां शांति भंग करने और आग लगाने की कोशिश कर रहे हैं।" बनर्जी की यह टिप्पणी संदेशखली में कथित जमीन हड़पने और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले में मुख्य आरोपियों में से एक TMC नेता शिबा प्रसाद हाजरा को रविवार को उत्तर 24 परगना जिले की एक अदालत द्वारा आठ दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने के बाद आई है।

संदेशखाली में क्या हो रहा ?

बता दें कि, राशन घोटाले में फरार TMC नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की मांग को लेकर स्थानीय लोगों, विशेषकर महिलाओं ने हाथों में चप्पलें लेकर संदेशखाली के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया है। शाहजहां शेख, तलाशी लेने पहुंची ED की टीम पर हमले के बाद से फरार है। बंगाल पुलिस भी उसका कोई पता नहीं लगा पाई है। अब TMC नेता शाहजहां शेख के जाने के बाद इन महिलाओं की थोड़ी हिम्मत बढ़ी है और वे सड़कों पर उतरकर न्याय मांग रहीं हैं।

प्रदर्शन कर रहीं सैकड़ों महिलाओं का कहना है कि शाहजहां शेख और उसके गुंडे उनका यौन शोषण करते हैं, घरों से महिलाओं को उठा ले जाते हैं और मन भरने पर छोड़ जाते हैं। महिलाओं का कहना है कि, यहाँ रेप और गैंगरेप आम बात है। TMC के गुंडे अपनी महिला कार्यकर्ताओं को भी नहीं छोड़ते, उन्हें अकेले मीटिंग में बुलाते हैं, धमकी देते हैं कि नहीं आई तो तुम्हारे पति को मार डालेंगे। प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं का कहना है कि, उन्हें (TMC के गुंडों को) जो भी महिला पसंद आ गई, उसे वो घर से उठा ले जाते हैं और रात भर भोगकर, सुबह घर भेज देते हैं। पश्चिम बंगाल की पुलिस TMC के गुंडों की ढाल बन जाती और पीड़ितों को ही दबाती है। एक महिला ने तो मीडिया से बात करते हुए यहाँ तक दावा किया था कि, TMC के गुंडे घरों के सामने आकर कहते हैं कि 'बाहर निकल आज तेरे साथ सामूहिक बलात्कार करेंगे।' ये कहते हुए गुंडे उसे पति और पुलिस के सामने खींच कर ले गए, लेकिन कोई नहीं बचा सका। अब बंगाल सीएम कह रहीं हैं कि महिलाओं ने कोई FIR ही नहीं लिखवाई है, लेकिन जब पुलिस के सामने ही उनका शोषण हो, तो उनकी शिकायत कौन लिखेगा ?

अब शाहजहां शेख के फरार होने के बाद ये महिलाएं आवाज़ उठाने लगी हैं तो बंगाल पुलिस ने इलाके में धारा 144 लगा दी है। लोगों को वहां जाने नहीं दिया जा रहा है, कांग्रेस-भाजपा के प्रतिनिधिमंडल को रोक दिया गया था। यहाँ तक कि, गवर्नर जब उन पीड़ित महिलाओं से मिलने जा रहे थे, तो TMC वर्कर्स ने केंद्र सरकार के विरोध के नाम पर उनका काफिला भी रोक दिया था। किसी तरह गवर्नर यहाँ पीड़िताओं से मिलने पहुँच पाए और उनकी बातें सुनीं, लेकिन एक्शन तो बंगाल पुलिस को लेना है, जो ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली TMC सरकार के आधीन है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि, जो बंगाल पुलिस अब तक ED अधिकारीयों पर हमला करके फरार हुए TMC नेता शाहजहां शेख को नहीं ढूंढ पाई है, उसके खिलाफ आवाज़ उठा रही पीड़ित महिलाओं को दबा रही है, क्या उससे इंसाफ की उम्मीद की जा सकती है ?